Saturday 26 March, 2011

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               विज्ञापन का जमाना है, देखने वालो को विज्ञापन जम जाए इसके लिए सृजनात्मकता की ज्यादा जरुरत पड़ती है. हाल ही में फेविकोल का विज्ञापन देखा, साइकिल सवार चार पहिया वाहन के पीछे पड़ा साइड मांगता दिखाया गया है, परेशान ड्राईवर के गाड़ी की स्पीड के बावजूद साइकिल चार पहिया वाहन के पीछे पीछे "तेरा पीछा न छोडूंगा" के तर्ज पर नजर आती है, आखिर में दर्शको को मालूम चलता है की फेविकोल रखे होने की वजह से साइकिल गाड़ी से चिपकी चली जा रही है.
                 फेविकोल का विज्ञापन हमेशा से ही दर्शनीय रहा है और उसके विज्ञापनों ने दर्शको का मनोरंजन ही किया, फेविकोल के विज्ञापनों में थोड़ी अतिश्योक्ति जरूर झलकती है, फिर भी देखने वालो को मजा आता है. काश ऐसा सच में होता. धर्मांध हिन्दू-मुसलमान जब आग उगलते हुए एक दूसरे से भिड़ पड़ते हैं, तब फेविकोल भाईचारा बढाने का काम करता तो कितना अच्छा होता. फेविकोल कम्पनी को एक ऐसा भी विज्ञापन बनाना चाहिए जिसमे हिन्दू मुसलमान को उकसाने वाले अपना सर पीट लें मगर फेविकोल के असर से दोनों संप्रदाय के लोग एक दूसरे के खिलाफ खड़े न हों.
 

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